Swami Vivekananda Quotes: स्वामी विवेकानंद जी के अनमोल विचार
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था। आपके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। 'स्वामी विवेकानंद' नाम उनको उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस ने दिया था। अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मलेन में आपने भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया, तथा वेदांत दर्शन का प्रसार पुरे विश्व में किया। आपने समाज के सेवा कार्य के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
हमारे देश में कई ऐसे महापुरूष हुए हैं, जिनके जीवन और विचार से हम सभी को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उनके विचार ऐसे हैं कि निराश व्यक्ति भी अगर उसे पढ़े तो उसे जीवन जीने का एक नया मकसद मिल सकता है।
इन्हीं में से एक हैं स्वामी विवेकानंद। उनका सन 1863 को हुआ था। आज यानी 4 जुलाई को स्वामी विवेकानंद के स्मृति दिवस के मौके पर हम उनके अनमोल विचारों को आपके साथ साझा कर रहे हैं।
अपने ज्ञानमय विचारो से सभी को प्रभावित किया। आइए जानते हैं स्वामी विवेकानंद के ऐसे अनमोल विचार जो आपको जीवन में हौंसला देंगे।...
स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि जिस पल मुझे यह ज्ञात हो गया कि हर मानव के हृदय में भगवान हैं तभी से मैं अपने सामने आने वाले हर व्यक्ति में ईश्वर की छवि देखने लगा हूं और उसी पल मैं हर बंधन से छूट गया। हर उस चीज से जो बंद रखती है, धूमिल हो जाती है और मैं तो आजाद हूं। अपने ज्ञानमय विचारो से सभी को प्रभावित किया। आइए जानते हैं स्वामी विवेकानंद के ऐसे अनमोल विचार, जो आपको जीवन में हौंसला देंगे।
2. बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप हैं।
3. विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहां हम खुद को मज़बूत बनाने के लिए आते हैं।
:4.दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
5. शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं।
6 किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए-आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
7. ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम ही हैं जो अपनी आंखों पर हांथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हें .
8 उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए।
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