Vijay Divas 2020 : 16 दिसंबर, 1971 का युद्ध, बांग्लादेश की आजादी
Vijay Divas 2020 : 16 दिसंबर, 1971 का युद्ध, बांग्लादेश की आजादी |
युद्ध की वजह
पश्चिमी पाकिस्तान के दमनकारी नीतियों के कारण है पूरे पाकिस्तान में असंतोष बढ़ रहा था पाकिस्तान को आजाद कराने के लिए संघर्ष शुरू हो रहा था इसके लिए उन्होंने छह सूत्रीय फार्मूले तैयार किए थे 1970 का पाकिस्तान चुनाव पूरे पाकिस्तान को आजाद कराने में मुख्य भूमिका निभा रहा था पूरी पाकिस्तान की 169 से 167 सिटी शेख मुजीब की पार्टी को मिली थी लेकिन पश्चिमी पाकिस्तान के नेताओं को यह स्वीकार नहीं हुआ और उन्हें जेल में डाल दिया गया।
अत्याचार के खिलाफ कदम
पूर्वी पाकिस्तान में विरोध की आवाजें बुलंद होने लगी, जनता सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने लगी। हत्या और बलात्कार के मामले वहां 9 दिन बढ़ते जा रहे थे इसीलिए
बांग्लादेश के लोगों की शरणागत की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी वह भारत में आ रहे थे, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बांग्लादेशियों के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ कदम उठाया और पूरी पाकिस्तान के साथ भारत की जंग शुरू हुई बांग्लादेशी सनातन आवतो को भारत में शरण दी और उनके हक की लड़ाई लड़ी गई पाकिस्तान ने इसके जवाब में "चंगेज खान" प्लान पर काम किया और हमारी एयर बसों पर हमला किया इसके बाद युद्ध और ज्यादा बढ़ गया.
31 मार्च 1971 को भारत ने बंगाल के लोगों की मदद करने की बात कही पश्चिमी पाकिस्तान के अत्याचारों से निपटने के लिए पूरी पाकिस्तान में मुक्त वाहिनी सेना बनी जिसे भारतीय सेना ने भी मदद की 3 दिसंबर को भारत आधिकारिक तौर पर युद्ध का हिस्सा बना 13 दिनों यानी 16 दिसंबर तक यह युद्ध चला इसके बाद पाकिस्तान आजाद हुआ और इस दिन को भारत में विजय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा भारत की यह एक बहुत बड़ी जीत है।
नौसेना से कराची पोर्ट पर हमला किया
4 और 5 दिसंबर को रात को भारतीय नौसेना ने "ऑपरेशन ट्राइडेंट" को अंजाम दिया. इस ऑपरेशन का मकसद कराची में पाकिस्तानी नौसेना अड्डे पर हमला बोलना था भारतीय नौसेना के हमले में पाकिस्तान के 4 पोत डूब गए और 500 से ज्यादा नोसैनिक मारे गए थे और कई सैनिक घायल हो गए। काफी भारी हमला हुआ था।
पाकिस्तानी जनरल नियाजी को सेंटर के लिए दिए 30 मिनट: इस युद्ध में कराची हर्बल फ्यूल स्टोरेज को भी पूरी तरह बर्बाद किया था इस ऑपरेशन में पहली बार एंटी शिप मिसाइल का यूज़ किया गया 8 और 9 दिसंबर को ऑपरेशन पाइथन चलाया गया इस दौरान भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाहों के जहाजों पर हमला किया। जहां एक भी भारतीय जहाज को नुकसान नहीं पहुंचा। इस ऑपरेशन की सफलता के बाद ही हर साल 4 दिसंबर को नेवी डे मनाया जाने लगा और 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है।
भारत ने पाकिस्तान के 15000 किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था यह युद्ध कब खत्म हुआ जब पाकिस्तान सशस्त्र बल के तत्कालीन प्रमुख जनरल आमिर अब्दुल्लाह खान नियाजी ने अपने 93000 सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया ओर हार मन ली ।
हालांकि भारत ने पाकिस्तान के साथ सन 1972 में शिमला
समझौता किया जिसमें उन्होंने युद्ध में जीती जमीन उन्हें वापस लौटा दी और जो बंदी बनाए थे वह भी उन्हें वापस लौटा दिए
जंग में भारतीय जवान शहीद
3900 भारतीय जवान इस जंग में शहीद हुए थे, 9,851 जवान घायल हुए बड़ी मशक्कत के बाद इतने दिन युद्ध चलने के बाद आखिर भारत ने वह युद्ध जीत लिया पाकिस्तान को आत्मसमर्पण करना पड़ा।
नरेंद्र मोदी ने 1971 की जंग के जांबाजो को दी सलामी, वॉर मेमोरियल में जलाई गई विजय ज्योति
नरेंद्र मोदी जी ने कहा -हमारी सरकार की ईमानदार नीयत और ईमानदार प्रयास को पूरे देश ने आशीर्वाद दिया, हर कोने के किसानों ने आशीर्वाद दिए।
मुझे विश्वास है कि भ्रम फैलाने वाले और किसानों के कंधे पर रखकर बंदूकें चलाने वाले लोगों को देश के सारे जागरूक किसान परास्त करके रहेंगे।
हमारी सरकार की ईमानदार नीयत और ईमानदार प्रयास को पूरे देश ने आशीर्वाद दिया, हर कोने के किसानों ने आशीर्वाद दिए।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 15, 2020
मुझे विश्वास है कि भ्रम फैलाने वाले और किसानों के कंधे पर रखकर बंदूकें चलाने वाले लोगों को देश के सारे जागरूक किसान परास्त करके रहेंगे। pic.twitter.com/jQA0PmMuWF
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा - सन् ‘71 में भारत की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत के उत्सव पर देशवासियों को शुभकामनाएँ और सेना के शौर्य को नमन।
ये उस समय की बात है जब भारत के पड़ोसी देश भारत के प्रधानमंत्री का लोहा मानते थे और हमारे देश की सीमा का उल्लंघन करने से डरते थे
सन् ‘71 में भारत की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत के उत्सव पर देशवासियों को शुभकामनाएँ और सेना के शौर्य को नमन।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 16, 2020
ये उस समय की बात है जब भारत के पड़ोसी देश भारत के प्रधानमंत्री का लोहा मानते थे और हमारे देश की सीमा का उल्लंघन करने से डरते थे!#VijayDiwas
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- 1971 में आज ही के दिन भारतीय सेना ने अपने अदम्य साहस और पराक्रम से मानवीय स्वतंत्रता के सार्वभौमिक मूल्यों की रक्षा करते हुए विश्व मानचित्र पर एक ऐतिहासिक बदलाव किया।
1971 में आज ही के दिन भारतीय सेना ने अपने अदम्य साहस और पराक्रम से मानवीय स्वतंत्रता के सार्वभौमिक मूल्यों की रक्षा करते हुए विश्व मानचित्र पर एक ऐतिहासिक बदलाव किया।
— Amit Shah (@AmitShah) December 16, 2020
इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से अंकित यह शौर्यगाथा हर भारतीय को गौरवान्वित करती रहेगी।
विजय दिवस की शुभकामनाएं। pic.twitter.com/8mMdDn4Nse
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