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Thursday, June 25, 2020

CBSE Board Exams 2020: CBSE 10th or 12th की होने वाली परीक्षा रद्द

CBSE Board Exams 2020: CBSE 10th or 12th की होने वाली परीक्षा रद्द

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दसवीं की परीक्षाएं पूरी तरह से रद्द कर दी गई हैंं जबकि बारहवीं की परीक्षाएं जब हालात सामान्य होगें, तब आयोजित कराई जाएंगी. 


1-15 जुलाई के बीच होने वाली CBSE की कक्षा 10वीं की परीक्षाएं अभी नहीं होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान गुरुवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को यह बताया है कि  ये परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच होनी थीं. जबकि बारहवीं की परीक्षाएं जब हालात सामान्य होगें, तब आयोजित कराई जाएंगी. 12वीं के छात्रों के लिए विकल्प दिया जाएगा कि या तो वो इंटरनल असेसमेंट के आधार पर परिणाम लेने के लिए राजी हो या फिर माहौल उपयुक्त होने पर होने वाली परीक्षा देनी होगी. दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने परीक्षाओं के आयोजन में पूरी तरह मना किया है . ICSE ने भी दसवी और बारहवीं की परीक्षाएं रद्द की. हालांकि, ICSE ने बाद में परीक्षा आयोजित करने का विकल्प देने पर सहमत नहीं दी.

कोरोना संकट के चलते सीबीएसई की बोर्ड की बची हुई परीक्षाओं को रदद करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. मंगलवार को सुनवाई में केंद्र सरकार और बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि इस बारे में बुधवार शाम तक निर्णय ले लिया जाएगा. इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई गुरुवार के लिए टाल दी थी.
बता दें, छात्रों के माता पिता ने कोरोना संकट को देखते हुए सीबीएसई परीक्षा रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुहार लगाई थी, सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा मुद्दे के कारण बची सीबीएसई परीक्षाओं को कैंसिल करने का आदेश दिया है. मंगलवार को इस पर कोर्ट में सुनवाई हुई थी.

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सीबीएसई ने अंतिम निर्णय देने के लिए गुरुवार 25 जून तक का समय मांगा था. अब यह कहा है कि सीबीएसई बोर्ड परीक्षा कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए पूरी तरह से कैंसिल कर दी गई है, लेकिन कक्षा 12वीं के छात्र वैकल्पिक रूप से सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के लिए उपस्थित हो सकते हैं. इस साल सीबीएसई को बची हुई परीक्षा में देश भर में 31 लाख से अधिक विद्यार्थी  को शामिल होना था. वहीं इसका असर सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया के साथ-साथ जेईई मेन और नीट 2020 सहित राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा पर भी पड़ेगा.

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पत्र में सिसोदिया ने लिखा था कि, " दिल्ली में छात्रों को स्कूल आधारित पिछले आंतरिक मूल्यांकन पर ग्रेड दिए जा सकते हैं. साथ ही इस तथ्य को भी भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि दिल्ली में 242 कंटेनमेंट जोन हैं. वहीं दिल्ली में हर रोज कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी भी हो रही है.

पिछली सुनवाई में इस बारे में सीबीएसई बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट दाखिल की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कहा था कि वह CBSE के साथ-साथ ICSE की परीक्षाओं पर भी फैसला लें. गौरतलब है कि इस साल हुई बोर्ड की परीक्षाओं के दौरान कोरोना के चलते लॉकडाउन शुरू हो गया था जिसकी वजह से बोर्ड की परीक्षाएं बीच में ही रोक दी गईं थी. सुप्रीम कोर्ट में CBSE बोर्ड की परीक्षा कराए जाने के बोर्ड के फैसले के खिलाफ याचिका दायर हुई थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड से जवाब मांगा था.  

बता दें, सीबीएसई ने कक्षा 10वीं परीक्षाओं को पूरी तरह से कैंसिल करने का फैसला किया है, जबकि कक्षा 12वीं की परीक्षाएं अब वैकल्पिक होंगी.




याचिका में इस साल की बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं रद्द करने की मांग की गई थी. कहा गया कि सीबीएसई बोर्ड के छात्रों का रिजल्ट इंटरनल असेस्मेंट के आधार पर घोषित किया जाए. याचिका में कहा गया कि एम्स के डाटा के अनुसार, कोरोना वायरस आने वाले समय में भारत में अपने चरम पर होगा, ऐसे में परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाना चाहिए. याचिका में कहा गया कि भारत में संक्रमितों की संख्या 3 लाख के करीब पहुंच चुकी है, परीक्षाएं कराना बहुत ही रिस्क वाला काम है.

 

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ बैठक में बोर्ड के अधिकारियों ने कहा था कि दसवीं कक्षा के असेसमेंट से रिजल्ट तैयार करना आसान है, लेकिन 12वीं कक्षा के मामले में इस तरह रिज़ल्ट तैयार करने में दिक्कत आएगी क्योंकि 12वीं कक्षा के आधार पर आईआईटी, मेडिकल समेत अन्य कई श्रेणियों में दाखिला होता है. स्कूल के इंटरनल असेसमेंट में कई होनहार छात्र भी फिसड्डी हो सकते हैं. बहुत छात्र ऐसे होते हैं जो बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारियों पर पूरा ध्यान देते हैं और स्कूल की अपनी परीक्षाओं पर ज्यादा समय नहीं लगाते क्योंकि वे फाइनल की तैयारी में लगे रहते हैं और क्लास टेस्ट को तवज्जो नहीं देते हैं

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