Online Study के लिए 60 प्रतिशत बच्चों के पास नहीं है स्मार्टफोन
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक देश में 35 करोड़ से अधिक छात्र हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उनमें से कितने के पास डिजिटल उपकरण या इंटरनेट उपलब्ध हैं।
स्माइल फाउंडेशन के सह संस्थापक शांतनु मिश्रा ने कहा कि अध्ययन के नतीजों से यह स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होता है कि 'डिजिटल डिवाइड एक असली चुनौती है तथा इसे पाटने के लिये पूरे राष्ट्र में विभिन्न कदम उठाये जाने की जरूरत है।
जिन लोगों के पास सूचना प्रौद्योगिकी उपलब्ध है और जिनके पास यह उपलब्ध नहीं है, उनके बीच मौजूद इस अंतराल को डिजिटल डिवाइड कहा जाता है।
ऑनलाइन कक्षाओं के फायदे और नुकसान पर बंटे स्कूल व अभिभावक
लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कक्षाएं शुरू होने से निजी स्कूल व अभिभावक इसके फायदे और नुकसान को लेकर बंटे हुए हैं। कई निजी स्कूल के प्रिंसिपल व शिक्षक इन कक्षाओं के फायदे गिनाते हुए भविष्य की तैयारियों के लिए जरूरी बता रहे हैं। वहीं, अभिभावक इसे जल्दबाजी में उठाया गया कदम बता रहे हैं। अभिभावकों का मानना है कि ऑनलाइन कक्षाओं के लिए बच्चे फिलहाल तैयार नहीं है। कई अभिभावक भी इन कक्षाओं के लिए जरूरी संसाधन नहीं जुटा पा रहे।
स्कूलों ने बताए फायदे
- ऑनलाइन कक्षाओं से शिक्षकों ने भी पढ़ाई कराने का नया तरीका सीखा
- शिक्षा प्रणाली की नई व्यवस्था पर बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए खुद को ढाल रहे हैं
- भविष्य में ऑनलाइन पढ़ाई से संबंधित कई और प्रयोग करने की तैयारी
- अभिभावकों के सामने ही चल रहीं कक्षाओं से वह भी बच्चों का आसानी से आकलन कर पा रहे हैं
- लॉकडाउन के दौरान पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए ऑनलाइन कक्षाएं जरिया बनीं
- स्कूलों ने दावा किया कि ऑनलाइन कक्षाओं की वजह से बच्चों में पढ़ाई करने की आदत नहीं छूटी
- ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों ने तकनीक के इस्तेमाल का नया तरीका सीखा
- भविष्य को देखते हुए वर्क फ्रॉम होम की भी बच्चों में आदत पड़ी है
अभिभावकों ने गिनाए नुकसान
- अभिभावक के बच्चे के साथ होने की अनिवार्यता से अभिभावकों का समय बर्बाद होता है
- अभिभावकों का आरोप कि स्कूल अपनी जिम्मेदारी इन कक्षाओं के जरिए अभिभावकों पर डाल रहे हैं
- अभिभावकों को चिंता कि ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों की आंखों एवं स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा
- ऑनलाइन कक्षाओं में स्कूल का माहौल न होने से बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लग पाता है
- अभिभावकों ने ऑनलाइन कक्षाओं को स्कूल की ओर से फीस लेने का जरिया बताया
- कक्षाओं के बीच में ही नेटवर्क संबंधी समस्याओं से बच्चों को परेशानी होती है
- अचानक शुरू हुई ऑनलाइन कक्षाओं से अभिभावक नहीं जुटा पाए संसाधन
पांच समस्या
- ऑनलाइन कक्षा में प्रैक्टिकल नहीं करा सकते। खासकर साइंस और सोशल साइंस के
- विभिन्न एप पर एक निर्धारित संख्या से ज्यादा छात्र-छात्राएं नहीं जुड़ सकते
- ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों के पास यह सुविधा नहीं है।
- 40 मिनट की क्लास में शिक्षक अध्याय को संक्षेप में बता देते हैं।
- शिक्षकों व छात्रों के बीच समन्वय की कमी
पांच समाधान
- जिन छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ने के साधन नहीं हैं, उन्हें सुविधा दी जाए।
- ऑनलाइन क्लास को विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एक सिस्टम बनाकर अनिवार्य किया जाए
- ऑनलाइन कक्षा की पहुंच बढ़ाने के लिए प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएं
- शिक्षकों को ऑनलाइन ट्रेनिंग की जरूरत
- पढ़ाने और पढ़ने से पहले शिक्षक व छात्र दोनों तैयार होकर ऑनलाइन हों
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