World Day Against Child Labour 2020:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर प्रदेश के दो हजार बाल श्रमिकों को बड़ा तोहफा दिया
प्रदेश को बाल श्रम से मुक्त करेंगे, अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षा पाएंगे बच्चे: योगी आदित्यनाथ
World Day Against Child Labour अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर बाल श्रमिक विद्या योजना का शुभारम्भ किया।
लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर प्रदेश के दो हजार बाल श्रमिकों को बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश का श्रम विभाग अब उनकी शिक्षा का पूरा खर्च उठाने के साथ बाल श्रम से मुक्त कराएगा।
अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रदेश में बाल श्रमिक विद्या योजना का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह कंडीशनल कैश ट्रांसफर स्कीम है जिसका लाभ आठ से 18 वर्ष आयु वर्ग के उन कामकाजी बच्चों व किशोर किशोरियों को दिया जाएगा जो परिवार की विषम परिस्थितियों के कारण संगठित या असंगठित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। योजना के तहत हाईस्कूल उत्तीर्ण करने तक बालकों को 1000 और बालिकाओं को 1200 रुपये प्रति माह की दर से आर्थिक सहायता दी जाएगी। कक्षा आठ, नौ व दस उत्तीर्ण करने पर उन्हें प्रत्येक कक्षा के लिए 6000 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। शुरुआत में इस योजना का लाभ प्रदेश के 2000 बच्चों को दिया जाएगा।
बाल मजदूरी : लाखों बच्चों के हाथ में कलम नही कबाड़ की बोरियां हैं
बच्चे हमारा आने वाला कल हैं जो इस भारत की दशा और दिशा तय करेंगे। इनमें से कई इसरो में रहकर वैज्ञानिक खोज को नए आयाम देंगे तो कई बच्चे देश के अलग-अलग क्षेत्रों में नाम रोशन करेंगे। लेकिन इन सबके बीच एक सबसे ज्यादा चिंतनीय बात हैं कि बाल मजदूरी। आज भारत में बाल मजदूरी चरम पर है। हर जगह आपको नाबालिग बच्चे छोटा-मोटा काम करते मिल जाएंगे। अगर आप इनसे बात करेंगे तो खुद भी हैरत में पड़ जाएंगे।
गरीबी ने झुका दिए कंधे, मार दिए अरमान
मुफलिसी इन बच्चों को दो जून की रोटी के लिए तरसा देती है और फिर इनके मां-बाप मजबूरी में इनको मजदूरी करने के लिए भेज देते हैं। ये बच्चे तरह तरह की यातना का भी शिकार होते हैं। कई बार इन बच्चों का यौन शोषण भी किया जाता है। बच्चों को शायद इस बात का ज्ञान तक नहीं होता कि उनसे क्या कराया जा रहा है और जब तक उनको इसका ज्ञान होता है तब तक उनका बचपना उसी के साये तले दब चुका होता है।
5 से 17 आयु वर्ग के कई बच्चे ऐसे काम में लगे हुए हैं जो उन्हें सामान्य बचपन से वंचित करते हैं, जैसे कि पर्याप्त शिक्षा, उचित स्वास्थ्य देखभाल, अवकाश का समय या बस बुनियादी स्वतंत्रता. 2002 में, संयुक्त राष्ट्र की संस्था जो काम की दुनिया को नियंत्रित करती है, इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) ने इसी वजह से वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर लॉन्च किया।
बाल श्रम से सम्बंधित कुछ आंकड़े
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक़ दुनिया में कुल -152 मिलियन बच्चे बाल मज़दूरी करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ILO मुताबिक़ - दुनिया भर में बाल श्रम में शामिल 152 मिलियन बच्चों में से 73 मिलियन बच्चे खतरनाक काम करते हैं।
इन ख़तरनाक कामों में मैनुअल सफाई, निर्माण, कृषि, खदानों, कारखानों और फेरी वाला व घरेलू सहायक जैसे काम शामिल है।
बीते कुल सालों में ख़तरनाक कामों में शुमार 5 से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों की संख्या बढ़कर 19 मिलियन हो गई है।
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में क़रीब 43 लाख से अधिक बच्चे बाल मज़दूरी करते हुए पाए गए।
UNISEF के अनुसार दुनिया भर के कुल बाल मज़दूरों में 12 प्रतिशत की हिस्सेदारी अकेले भारत की है।
ग़ैरसरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ भारत में क़रीब 5 करोड़ बाल मज़दूर हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर बाल श्रमिक विद्या योजना का शुभारम्भ किया।
योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि प्रदेश के दो हजार बाल श्रमिकों को श्रम विभाग न सिर्फ शिक्षा दिलाएगा बल्कि उनको बाल श्रम से भी मुक्त कराएगा। आज बाल श्रमिकों के लिए बेहद महान दिन है। अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर हमने भी एक संकल्प लिया है। प्रदेश सरकार बड़ा अभियान चलाकर गरीबों या फिर किसी अन्य कारण से बाल श्रम को मजबूर बच्चों को इससे मुक्ति दिलाएगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में पहले चरण में 18 अटल आवासीय विद्यालय खोलने जा रही है। जिसमें बाल श्रम में लगे बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। पहले चरण में 18 अटल आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे। यह सभी मंडल मुख्यालय में 12 से 15 एकड़ के क्षेत्रफल में खोले जाएंगे। इसमें प्रवेश के लिए बच्चों को पांच वर्ग में बांटा जाएगा। इनमें बाल श्रम में लगे अनाथ या फिर बेरोजगार दिव्यांग मां-बाप के बच्चों को, असाध्य रोग से पीडि़त अभिभावकों के बच्चों को, भूमिहीन परिवार के बच्चों को या फिर लाचार बच्चों को रखकर उनको शिक्षा दी जाएगी। इसके साथ ही उनके हुनर को भी निखारने का काम किया जाएगा।
No comments:
Post a Comment
Respect Everyone's Privacy.