World Population Day : विश्व जनसंख्या दिवस, भारत की बढ़ती आबादी चिंता का विषय
विश्व जनसंख्या दिवस 2020: पांच सालों में 800 करोड़ हो जाएगी दुनिया की आबादी, भारत की स्थिति भी चिंताजनक
हर वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है।
11 जुलाई को हर साल विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है. विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की घोषणा सर्वप्रथम 11 जुलाई 1989 को की गई थी. सन 1987 को जब देश की जनसंख्या का आंकड़ा करीब 5 अरब हुआ था, तो बढ़ती जनसंख्या संबंधी मामलों पर लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व जनसंख्या दिवस को मनाने का निर्णय लिया गया.
इस दिन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई क्रियाकलाप किए जाते हैं. ताकि जनता जागरूक हो सकें और जनसंख्या पर कंट्रोल कर सकें. जनसंख्या वृद्धि विश्व के कई देशों के सामने बड़ी समस्या का रूप ले चुकी है.
खासकर विकासशील देशों में ‘जनसंख्या विस्फोट’ गहरी चिंता का विषय है. ऐसे में आज हम आपके लिए विश्व जनसंख्या दिवस पर कुछ स्लोगन लेकर आए हैं. समाज में जागरुकता फैलाने के लिए आज इन स्लोगन्स को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भेज सकते हैं. - हिन्दू, मुस्लिम, सिख ईसाई, छोटे परिवार में सब की भलाई.
जब विश्व की जनसंख्या करीब 5 अरब से अधिक हो गई थी, तब लोगों को जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए प्रेरित करने के लिए इस दिन को मनाने का निर्णय लिया गया है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की आम सभा ने 11 जुलाई 1989 को विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का फैसला लिया था। आज विश्व जनसंख्या दिवस के दिन हम आपको जनसंख्या से जुड़े कुछ तथ्य बताने जा रहे हैं...
विश्व की आधी आबादी 9 देशों में
विश्व की आधी आबादी दुनिया के सिर्फ 9 देशों में रहती है। आपको बता दें यूएन का अनुमान है कि 2017 से 2050 तक भारत, नाइजीरिया, कांगो का लोकतांत्रिक गणराज्य, पाकिस्तान, इथियोपिया, संयुक्त राज्य अमेरिका तंजानिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, युगांडा और इंडोनेशिया में जनसंख्या वृद्धि दर बढ़ेगी। इस अनुमान के अनुसार अफ्रीका की आबादी 2050 तक दोगुनी हो जाएगी।
यह 11 जुलाई 1987 को पांच बिलियन दिवस में सार्वजनिक हित से प्रेरित था, जिसकी अनुमानित तारीख जिस पर दुनिया की आबादी पांच अरब लोगों तक पहुंच गई थी। विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य विभिन्न जनसंख्या मुद्दों पर लोगों की जागरूकता बढ़ाना है जैसे कि परिवार नियोजन, लिंग समानता , गरीबी , मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकारों का महत्व
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