संत रामपाल दास के अवतार दिवस पर : Social Media पर छाये अनुयायी
अनुयायियों का मानना है कि संत रामपाल दास जी कबीर साहिब जी के अवतार है और उनके लिए कई भविष्य वक्ताओं ने भविष्यवाणी कर रखी है।
8 सितम्बर को अवतार दिवस है।
एक बहुत पुण्य दिवस आने वाला है जब तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज धरती पर अवतरित हुए। अपने कल्याण की कामना करने वाले सभी लोग बिना समय गँवाए तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर नाम दीक्षा लेकर गुरु मर्यादा में रहकर साधना करें। 8 सितम्बर को अवतार दिवस पर साधना टीवी चैनल पर प्रातः 9 बजे से 12 बजे तक विशेष आध्यात्मिक सत्संग श्रवण करें और इस अवसर का पूरा लाभ उठायें।
#2दिनबाद_संतरामपालजी_अवतरणदिवस
A lot of foretellers mentioned about Saint Rampal Ji Maharaj in their prophecies. The birth of Saint Rampal Ji Maharaj took place on 8th September 1951. pic.twitter.com/30eHEIGyKs
— SAT KABIR KI DAYA (@satkabir_) September 6, 2020
8 सितम्बर (September) को क्या है?
#2दिनबाद_संतरामपालजी_अवतरणदिवस
A lot of foretellers mentioned about Saint Rampal Ji Maharaj in their prophecies. The birth of Saint Rampal Ji Maharaj took place on 8th September 1951. pic.twitter.com/30eHEIGyKs
परमेश्वर कबीर जिन्दा महात्मा के रूप में कुछ पुण्यात्माओं को मिले, उन्हें सच्चखण्ड (सत्यलोक) ले गए, उनको आध्यात्मिक ज्ञान दिया तथा अपने वास्तविक स्वरूप से परिचित कराकर धरती पर वापिस छोड़ा। ये सभी महापुरुष पूर्ण परमात्मा परम अक्षर ब्रह्म सत्य पुरूष के अवतार थे। इन्होंने परमेश्वर कबीर साहेब से प्राप्त ज्ञान के आधार से अधर्म का नाश किया। “धरती पर अवतार” आदरणीय धर्मदास जी, आदरणीय मलुकदास जी, आदरणीय नानक देव साहेब जी (सिख धर्म के प्रवर्तक), आदरणीय दादू साहेब जी, आदरणीय गरीबदास साहेब जी गांव छुड़ानी जि. झज्जर (हरियाणा) वाले तथा आदरणीय घीसा दास साहेब जी गांव खेखड़ा जिला बागपत (उत्तर प्रदेश) वाले हुए हैं।
आदरणीय धर्मदास साहेब जी जिनको पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जिंदा महात्मा के रूप में मथुरा में मिले जानिए उनकी वाणी से:-
धर्मदास, आज मोहे दर्शन दियो जी कबीर।
सत्यलोक से चल कर आए, काटन जम की जंजीर।
थारे दर्शन से म्हारे पाप कटत हैं, निर्मल होवै जी शरीर।
अमृत भोजन म्हारे सतगुरु जीमैं, शब्द अमृत दूध की खीर।
ये उपरोक्त सर्व अवतार परम अक्षर ब्रह्म (सत्य पुरूष) के थे। अपना कार्य करके चले गए। अधर्म का नाश किया, जिस कारण से जनता के एक बड़े वर्ग में बुराइयां नही पनपी।
जेल में होने के बाद भी महाराज के लाखों की संख्या में Facebook, Twitter, Youtube or Instagram पर लोग जुड़े हैं।
संत रामपाल दास जी के Facebook पर 426000 फॉलोअर है और Twitter पर 80000 है इसके साथ ही Youtube पर 72000 सब्सक्राइबर है।
जानिए कौन है Sant Rampal Das Maharaj ?
संत रामपाल जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करके हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजिनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। सन् 1988 में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा प्राप्त की तथा तन-मन से सक्रिय होकर स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग से साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया।
संत रामपाल जी को नाम दीक्षा 17 फरवरी 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या को रात्राी में प्राप्त हुई। उस समय संत रामपाल जी महाराज की आयु 37 वर्ष थी। उपदेश दिवस (दीक्षा दिवस) को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
उपरोक्त विवरण श्री नास्त्रोदमस जी की उस भविष्यवाणी से पूर्ण मेल खाता है जो पृष्ठ संख्या 44.45 पर लिखी है। ”जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व नेता की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा, बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में संसार में प्रसिद्ध होगा। वह सन् 2006 होगा।“
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने आपको सत्संग करने की आज्ञा दी तथा सन् 1994 में नामदान करने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण जे.ई. की पोस्ट से त्यागपत्र दे दिया जो हरियाणा सरकार द्वारा 16.5.2000 को पत्र क्रमांक 3492-3500, तिथि 16.5.2000 के तहत स्वीकृत है। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर-घर, गांव-गांव, नगर-नगर में जाकर सत्संग किया। बहु संख्या में अनुयाई हो गये। साथ-साथ ज्ञानहीन संतों का विरोध भी बढ़ता गया। सन् 1999 में गांव करौंथा जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की तथा एक जून 1999 से 7 जून 1999 तक परमेश्वर कबीर जी के प्रकट दिवस पर सात दिवसीय विशाल सत्संग का आयोजन करके आश्रम का प्रारम्भ किया तथा महीने की प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिन का सत्संग प्रारम्भ किया। दूर-दूर से श्रद्धालु सत्संग सुनने आने लगे तथा तत्वज्ञान को समझकर बहुसंख्या में अनुयाई बनने लगे। चंद दिनों में संत रामपाल महाराज जी के अनुयाइयों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जिन ज्ञानहीन संतों व ऋषियों के अनुयाई संत रामपाल जी के पास आने लगे तथा अनुयाई बनने लगे फिर उन अज्ञानी आचार्यों तथा सन्तों से प्रश्न करने लगे कि आप सर्व ज्ञान अपने सद्ग्रंथों के विपरीत बता रहे हो।
यह भी पढ़े - जानिए क्या है संत रामपाल जी का मूल उद्देश्य?
यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि पूर्ण परमात्मा अपने भक्त के सर्व अपराध (पाप) नाश (क्षमा) कर देता है। आपकी पुस्तक जो हमने खरीदी है उसमें लिखा है कि ‘‘परमात्मा अपने भक्त के पाप क्षमा (नाश) नहीं करता। आपकी पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 7 में लिखा है कि सूर्य पर पृथ्वी की तरह मनुष्य तथा अन्य प्राणी वास करते हैं। इसी प्रकार पृथ्वी की तरह सर्व पदार्थ हैं। बाग, बगीचे, नदी, झरने आदि, क्या यह सम्भव है। पवित्र यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 1 में लिखा है कि परमात्मा सशरीर है। अग्ने तनुः असि। विष्णवै त्वां सोमस्य तनुर् असि।। इस मंत्र में दो बार गवाही दी है कि परमेश्वर सशरीर है। उस अमर पुरुष परमात्मा का सर्व के पालन करने के लिए शरीर है अर्थात् परमात्मा जब अपने भक्तों को तत्वज्ञान समझाने के लिए कुछ समय अतिथि रूप में इस संसार में आता है तो अपने वास्तविक तेजोमय शरीर पर हल्के तेजपुंज का शरीर ओढ कर आता है। इसलिए उपरोक्त मंत्र में दो बार प्रमाण दिया है। इस तरह के तर्क से निरूत्तर होकर अपने अज्ञान का पर्दा फास होने के भय से उन अंज्ञानी संतों, महंतों व आचार्यो ने सतलोक आश्रम करौंथा के आसपास के गांवों में संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार करना प्रारम्भ कर दिया तथा 12.7.2006 को संत रामपाल को जान से मारने तथा आश्रम को नष्ट करने के लिए आप तथा अपने अनुयाइयों से सतलोक आश्रम पर आक्रमण करवाया। पुलिस ने रोकने की कोशिश की जिस कारण से कुछ उपद्रवकारी चोटिल हो गये। सरकार ने सतलोक आश्रम को अपने आधीन कर लिया तथा संत रामपाल जी महाराज व कुछ अनुयाइयों पर झूठा केस बना कर जेल में डाल दिया।
इस प्रकार 2006 में संत रामपाल जी महाराज विख्यात हुए। भले ही अंजानों ने झूठे आरोप लगाकर संत को प्रसिद्ध किया परन्तु संत निर्दोष है। प्रिय पाठको (नास्त्रोदमस) की भविष्यवाणी को पढ़कर सोचेगें कि संत रामपाल जी को इतना बदनाम कर दिया है, कैसे संभव होगा कि विश्व को ज्ञान प्रचार करेगा। उनसे प्रार्थना है कि परमात्मा पल में परिस्थिती बदल सकता है।
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